ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) क्या है? IPO में इसका क्या मतलब होता है?

नमस्कार दोस्तों, What is GMP in IPO In Hindi? यह सवाल अक्सर लोग पूछते रहते हैं। कुछ लोगों को अलग-अलग प्लेटफार्म पर इसके बारे में जानकारी मिल जाती है लेकिन संपूर्ण जानकारी मिल पाना बहुत ज्यादा मुश्किल होता है। आज हम आपके लिए यहां पर पूरी जानकारी लेकर आए हैं।

क्या होता है Grey market IPO

Grey market एक ऐसा अनऑफिशियल मार्केट है जहां पर किसी भी कंपनी के शेयर स्टॉक एक्सचेंज में आने से पहले ही यहां पर खरीद बेच के चक्कर में फंस जाते हैं। यह मार्केट ना तो पूरे तरीके से लीगल होता है और ना ही पूरे तरीके से इल्लीगल होता है। इसमें दो पक्षों के बीच में डील होती है, जो अधिकतर ऑफलाइन या व्यक्तिगत संपर्क के माध्यम से होती है। यहां पर अगर कोई पार्टी मना कर देती है तो ऐसे में दूसरी पार्टी के पास किसी भी प्रकार का कानूनी सहारा नहीं होता है। 

मार्केट कितने प्रकार के होते हैं

  • व्हाइट मार्केट:- ऑफिशियल और रेगुलेटेड ट्रेडिंग के लिए होते हैं। जैसे NSE/BSE
  • ब्लैक मार्केट:- पूरे तरीके से गैरकानूनी ट्रेडिंग के लिए होता है।
  • ग्रे मार्केट:- यह मार्केट ना तो पूरे तरीके से लीगल होता है ना ही पूरे तरीके से इल्लीगल होता है। इसमें ऑफिशियल ट्रेडिंग से बाहर की डीलिंग होती है।

IPO में GMP क्या होता है?

What is GMP in IPO with example के बारे में जान लेते हैं। अगर किसी IPO की इश्यू प्राइस ₹300 हैं और वह ग्रे मार्केट में ₹50 प्रीमियम पर ट्रेड कर रही है। ऐसे में GMP ₹50 वैल्यू की हो जाती है और निवेशक शेयर को ₹350 में आसानी से खरीद सकते हैं।

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GMP क्यों चेंज होता है?

GMP पूरे तरीके से मार्केट सेंटीमेंट, डिमांड-सप्लाई, कंपनी के वैल्यूएशन और इकोनामिक कंडीशन पर निर्भर होता है। अगर IPO की डिमांड ज्यादा है तो ऐसे में GMP बढ़ता है। इसके अलावा अगर कंपनी की वैल्यूएशन कम है या फिर मार्केट सेंटीमेंट नेगेटिव है तो GMP गिर सकता है। 

ग्रे मार्केट में ट्रेडिंग करने के फायदे और नुकसान:

फायदे:

  • लिस्टिंग से पहले शेयर खरीदने का मौका मिलता है।
  • कई बार शेयर्स सस्ते मिल सकते हैं।

नुकसान:

  • फ्रॉड और धोखाधड़ी का रिस्क ज्यादा होता है।
  • कोई रेगुलेशन या फिर लीगल प्रोडक्शन नहीं होता है।
  • प्राइस पूरे तरीके से अनऑफिशियल होता है।

IPO GMP के बारे में कैसे पता करें?

What is GMP in IPO with example. उदाहरण के लिए इश्यू प्राइस ₹200 है और ग्रे मार्केट प्राइस ₹250 हैं तो फिर GMP ₹50 होगा।

Disclaimer

तो दोस्तों, IPO में GMP क्या होता हैं बस आपको इतनी जानकारी यहां पर दी गई है। हमने इस जानकारी को इस उद्देश्य के साथ तैयार नहीं किया है की आप लोग भविष्य में जाकर किसी भी तरह का ग्रे मार्केट में निवेश करने की प्लानिंग करें। क्योंकि ऐसा करना काफी ज्यादा रिस्क वाला कार्य हो सकता है। 

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निष्कर्ष

तो दोस्तों आपको यहां पर बताया गया है की GMP और ग्रे मार्केट क्या होता है। इसके अलावा टोटल जो तीन तरीके के मार्केट होते हैं उसके बारे में भी आपको विस्तार में बताया गया है। अगर आप लोग IPO से जुड़े हुए हैं तो आपके लिए यह जानकारी बहुत ही महत्वपूर्ण है, इसको ध्यान से जरूर देखें।

FAQ

Q1. क्या ग्रे मार्केट प्रीमियम लिस्टिंग प्राइस की गारंटी देता है?

नहीं दोस्तों यहां पर सिर्फ मार्केट सेंटीमेंट का आंकड़ा देखने को मिलता है?

Q2. क्या ग्रे मार्केट में ट्रेडिंग करना सुरक्षित है?

नहीं दोस्तों इसमें धोखाधड़ी हो सकती हैं?

Q3. GMP बढ़ने घटने के मुख्य कारण क्या होते हैं?

दोस्तों इसके बढ़ने घटने के कारण मार्केट सेंटीमेंट, डिमांड-सप्लाई, कंपनी का वैल्यूएशन और इकोनामिक कंडीशन हो सकता है।

Q4. ग्रे मार्केट में शेयर्स कैसे खरीद सकते हैं?

दोस्तों किसी जानकार व्यक्ति से ऑफलाइन खरीद सकते हैं।

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